लोक निर्माण विभाग ने 10 किलोमीटर सड़क की कटिंग कर छोड़ दी बीच जंगल में अब ग्रामीण निर्माणाधीन सड़क से आगे 300 मीटर पैदल व खच्चर मार्ग श्रमदान व मनरेगा के अंतर्गत बनाने को मजबूर हो गए हैं।
इस पिछड़े क्षेत्र को यातायात से जोड़ने के लिए वर्ष 2001-02 में गूलर-सालब-बग्वासेरा से घेराधार तक 23 किलोमीटर मोटर मार्ग की स्वीकृत मिलने पर क्षेत्रवासी खुश नजर आये थे कि अब रोड निर्माण से उन्हें जल्द यातायात की सुविधा मिल सकेगी।
लेकिन एसा कुछ नहीं हुआ कछुआ चाल से निर्माणाधीन यह मोटर मार्ग 19-20 बरसों में मात्र अभी तक 10 किलोमीटर ही काटी है। ढंगार व जंगल में लेजाकर रोड निर्माण कार्य ठप होने से क्षेत्र के लोगों की दिक्कतें और भी बढ़ गई हैं।
यहां से सालब गांव तक 300 मीटर ढंगार का रास्ता है जहां ढंगार से गिरकर हाल ही में एक खच्चर की मौत हो चुकी है। रोड़ 300 मीटर और काटी जाती तो सालब, दुबल्याण,मंज्याड़ी सहित आधा दर्जन गांव अबतक आँशिक रूप से लाभान्वित हो रहे होते।
अब ग्रामीण महिला पुरुष जंगल में ठप पड़ी निर्माणाधीन रोड से आगे सालब गांव तक पहुंचाने के लिए श्रमदान व मनरेगा के अंतर्गत 300 मीटर पैदल खच्चर मार्ग निर्माण में जुटे हैं।
10 किलोमीटर तक प्रारंभिक कटिंग हो चुकी इस रोड पर कई खामियां हैं जगह-जगह पुश्ते डह गये हैं बैंड इतने खतरनाक हैं कि छोटे वाहनों को मोड़ों पर बैक कर आगे बढ़ाया जा रहा है। दो जगहों पर इस सड़क के पहाड़ को यदि लगभग 290 मीटर तक गलत न काटा गया होता तो यह रोड़ निश्चित ही सालब गांव तक कट चुकी होती।
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आज ग्रामीण 300 मीटर पैदल मार्ग खच्चर मार्ग बनाने को मजबूर नहीं होते। ग्रामीणों की मांग है कि सड़क का निर्माण घेराधार तक किया जाए ताकि यह क्षेत्र यातायात से लाभान्वित हो सके। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि लोक निर्माण विभाग यदि जल्द सड़क पर निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करता तो क्षेत्र के लोग जन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।