उत्तरकाशी जिले के रवांई क्षेत्र के बनाल ठकराल पट्टी के प्रसिद्ध पौराणिक देवलांग मेले में देवदार के पेड़ के आगे के हिस्से के टूटने से भगदड़ मच गई। हालांकि बड़ी घटना नही हुई, लेकिन कुछ लोग चोटिल हुए हैं।
बता दें कि देवलांग मेले में रवांई क्षेत्र के अलावा बाहरी जिले से भी मेलार्थियों का आना जाना होता है। दो समूहों द्वारा देवलांग को डंडों के सहारे खड़े करते समय देवदार के पेड़ का अगला भाग टूट गया। जिससे कई लोग यहां चोटिल हुए। गनीमत रही बडा हादसा होने से टल गया।
रवांई क्षेत्र के इस अनोखे देवलांग मेले में गैर गांव में स्थित राजा रघुनाथ मंदिर परिसर में क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा विशाल देवदार का पेड़ लाया जाता है। मंदिर परिसर में आग जलाकर क्षेत्र की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दो समूहों साठी व पानसाई के द्वारा उसे डंडों के सहारे खड़ा किया जाता है और पूरा पेड़ देवलांग जलने तक मेला स्थल पर मेलार्थियों रहते हैं।आज यह देवलांग खडे़ करते हुए हादसा हो गया। इसका अगला हिस्सा टूट गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने दूसरे देवलांग का इंतजाम किया।