सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट : समक्ष रखा गया पुस्तक का एक अंश

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शिद की किताब को लेकर राजनीतिक रुप से काफी बवाल मचा हुआ है। उनकी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन ऑवर टाइम्स’ काफी विवादों में है। जानकारी के अनुसार इस किताब पर रोक लगाने को लेकर मांग वाली याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी क्योंकि इसमें हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस से की है।

बता दें कि गुरुवार को दिल्ली हाई ने खुर्शीद कि किबात पर रोक लगाने कि याचिका को खरिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उत्तर दिया कि, यदि भावनाओं के ठेस पहुंचता है तो लोग कुछ बेहतर पढ़ सकते हैं। आप लोगों को इस पुस्तक को खरीदने और पढ़ने के लिए मना क्यों नहीं करते? सभी को जानकारी दे कि यह पुस्तक सही से नहीं लिखी गई है तथा इसे न पढ़े।

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जानकारी के अनुसार याचक ने उच्च न्यायालय के सामक्ष अपनी बात समाने रखते हुए कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच और एक्सप्रेशन का सहारा लेकर लोगों कि संवेदानाओं के खेला नहीं जा सकता है। किसी को भी यह करने का अधिकार नहीं है। ऐसा कार्य आर्टिक 19 के उचित प्रतिबंधों को तोड़ना है।

न्यायालय ने दलील सुनाने के बाद कहा कि, हमारे समक्ष पुस्तक का मात्र एक अंश रखा गया है संपूर्ण पुस्तक नहीं रखी गई है। यह परेशानी पुस्तक के एक हिस्से की है पुरी किताब की नहीं। यदि आप प्रकाशक का लाइसेंस खारिज करना चाहते हैं तो वह और बात है।

अंजलि सजवाण     

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