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अखिल भारतीय किसान मेले में बीजों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री, दूसरे दिन 71.5 लाख की सेल

अखिल भारतीय किसान मेले में विभिन्न अनुसंधान केंद्रों और निजी कंपनियों के स्टालों से रबी फसलों के बीजों की जबरदस्त बिक्री हुई, दूसरे दिन 71.5 लाख रुपये के बीज और पौधे बेचे गए। किसानों की बढ़ती भागीदारी और तकनीकों पर विश्वास मेले की सफलता का कारण रहा।

अखिल भारतीय किसान मेले में बीजों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री

अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में दूसरे दिन रबी फसलों के बीजों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई, जिसमें लगभग 71 लाख 50 हजार रुपये की बिक्री दर्ज की गई। इस सफलता में फसल अनुसंधान केंद्र, प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र, विश्वविद्यालय फार्म और एटिक की अहम भूमिका रही। साथ ही, औषधीय एवं सुगंध पौध अनुसंधान केंद्र, आदर्श पुष्प वाटिका, सब्जी अनुसंधान केंद्र, उद्यान अनुसंधान केंद्र और कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र के स्टालों से भी पौधों और बीजों की अच्छी बिक्री हुई। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने किसानों की इस उत्साहपूर्वक भागीदारी और विश्वविद्यालय की तकनीकों पर विश्वास को मेले की खास सफलता बताया। इसके साथ ही, उत्तराखंड की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मंडुवा से बने उत्पादों का प्रदर्शन महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और पारंपरिक कला के संवर्धन की मिसाल बना।    

कृषि वैज्ञानिकों ने जांचे पशु रोग और नवीनतम कृषि तकनीकें

गांधी हाल में आयोजित एक गोष्ठी में किसानों ने फसल, उद्यान, पुष्प, पशुपालन और प्राकृतिक खेती से जुड़े सवाल कृषि वैज्ञानिकों के सामने रखे, जिनका विस्तार से समाधान किया गया। किसानों को मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, एनईबी फसल अनुसंधान केंद्र, आदर्श पुष्प विज्ञान केंद्र, सब्जी अनुसंधान केंद्र, औषधीय पौध अनुसंधान एवं विकास केंद्र, कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र, उद्यान अनुसंधान केंद्र, मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, शैक्षणिक मत्स्य फार्म, डेयरी फार्म, चारा बैंक और कुक्कुट फार्म का भ्रमण भी कराया गया, जिससे उन्हें पशु रोग प्रबंधन और नवीनतम फलोत्पादन तकनीकों की व्यापक जानकारी मिली।    

किसान मेले में आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन

पंतनगर विश्वविद्यालय के नौ कृषि विज्ञान केंद्रों ने 118वें अखिल भारतीय किसान मेले में एक संयुक्त स्टाल लगाकर श्रीअन्न (मोटे अनाज) का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस स्टाल पर किसानों को हाइड्रोपोनिक और जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण तकनीक, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, हथकरघा एवं मोमबत्ती निर्माण के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की जानकारी दी गई। कृषि महाविद्यालय के स्टाल पर “स्मार्ट कृषि और डिजिटल क्रांति द्वारा समृद्ध किसान” की थीम पर छात्रों द्वारा बनाये गए माडल प्रदर्शित किए गए, जो किसानों को नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसके साथ ही, मेले में विभिन्न फर्मों द्वारा कृषि यंत्रों पर विशेष छूट और सब्सिडी भी दी जा रही है, जिससे किसानों की आधुनिक कृषि अपनाने की प्रेरणा बढ़ रही है। यह संयुक्त स्टाल किसानों, शोधकर्ताओं और आगंतुकों के लिए कृषि नवाचार और सतत विकास की दिशा में प्रेरणा का स्रोत बना।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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