बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के बद्दी में नकली दवाइयां बनाने का काला कारोबार करीब चार महीने से चल रहा था। इस दौरान करीब एक करोड़ रुपये की नकली दवाएं बनाई गईं। इन्हें उत्तर प्रदेश में बेचा गया था।
आरोपियों से यूएसवी लिमिटेड की हाई कोलेस्ट्रोल, स्ट्रोक के उपचार की दवा रोजी डे, सिपला कंपनी की एलर्जी की दवा मोंटेयर और इफ्का कंपनी की दर्द निवारक दवा जीरोडोल बरामद की गई हैं।
तो वहा अधिकारियों ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह चार महीनों से नकली दवाओं का कारोबार कर रहा था। इस मामले में सरकार भी प्राधिकरण के अधिकारियों से लगातार जांच रिपोर्ट ले रही है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बद्दी में नकली दवाएं बनाने पर कड़ा संज्ञान लिया है। सोमवार को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मुख्य सचिव सहित अन्य प्रतिवादियों से तीन हफ्ते में जवाब तलब किया है।