देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की आज जयंती है. मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित बिपिन रावत की पिछले साल 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। जनरल बिपिन रावत ने अपने सैन्य काल में देश की रक्षा के लिए कई बड़े निर्णय लिए थे। आज सीडीएस बिपिन रावत हमारे बीच होते तो 65 जन्मदिवस मनाते. साल 1978 से 8 दिसंबर 2021 तक उन्होंने लगातार देश की सेवा की थी। जनरल रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा था।
जन्म के साथ से ही बिपिन रावत का पहाड़ों से गहरा नाता रहा था, शायद ये एक बड़ी वजह रही कि उनके इरादे चट्टानों की तरह मजबूत थे। बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। उनकी शुरुआती स्कूली पढ़ाई शिमला के एडवर्ड स्कूल में हुई. वो बचपन से ही चट्टानों और वादियों के बीच घिरे रहे थे। उनके पिता एलएस रावत भी सेना में बड़े अधिकारी थे। वे भारतीय सेना के डिप्टी चीफ के पद से रिटायर हुए थे।
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साल 1978 में बिपिन रावत को देहरादून में स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होने पर 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन के लिए चयनित किया गया था. बिपिन रावत भारतीय सैन्य एकेडमी के बेस्ट कैडेट थे। उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर भी मिला था।