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Uttarakhand: धामी कैबिनेट ने मिनी आंगनवाड़ी को पूर्ण केंद्र बनाने समेत 8 प्रस्तावों पर दी मंजूरी

उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी बनाने, सुपरवाइजर पदों पर 50% सीधे प्रमोशन, देहरादून फ्रीज जोन में छोटे घरों को अनुमति और निगमों से 15% लाभ सरकार को देने के प्रस्ताव मंजूर किए गए।

धामी कैबिनेट मीटिंग में आंगनवाड़ी को लेकर चर्चा

  उत्तराखंड कैबिनेट ने सोमवार को 8 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसमें मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी में परिवर्तित करने और सुपरवाइजर पदों पर कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 50% सीधे प्रमोशन देने का निर्णय शामिल है। देहरादून के फ्रीज जोन में छोटे घरों और दुकानों को अनुमति दी गई है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों से उनके शुद्ध लाभ का 15% राज्य सरकार को देने की अनिवार्यता भी तय की गई है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद एक बार तबादला और पदोन्नति में स्थिरीकरण का लाभ देने की व्यवस्था की गई है। साथ ही, उत्तराखंड के स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है, जो प्रदेश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।  

धामी कैबिनेट मीटिंग में 8 अहम प्रस्तावों पर मंजूरी

उत्तराखंड कैबिनेट ने इस सप्ताह 8 अहम प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी में परिवर्तित करने का फैसला किया है। साथ ही, सुपरवाइजर पदों पर 50% प्रमोशन सीधे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से भरने का नियम लागू होगा। देहरादून के रायपुर क्षेत्र के फ्रीज जोन में छोटे घरों और दुकानों को अनुमति दी जाएगी। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को 5 वर्ष की संतोषजनक सेवा के बाद अन्य जनपद में एक बार तबादले का लाभ मिलेगा। समान नागरिक संहिता के तहत नेपाली, भूटानी और तिब्बती नागरिकों के विवाह पंजीकरण हेतु विदेशी नागरिक पंजीकरण प्रमाण पत्र स्वीकार्य होगा। कार्मिकों को पदोन्नति में स्थिरीकरण का लाभ एक बार मिलेगा। विधानसभा के मानसून सत्र के समापन को मान्यता दी गई, और उत्तराखंड के स्थापना के 25 साल पूरे होने पर दो दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र के सभी निगमों को अपने शुद्ध लाभ का 15 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होगा। यह सुधार प्रदेश के विकास और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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