Uttarakhand: Teachers will tie black band from April 11
राजकीय शिक्षक संघ एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉ० अंकित जोशी एलटी से प्रवक्ता पदों पर विभाग द्वारा पदोन्नति न करने के विरोध में 11 अप्रैल से काली पट्टी बांधेंगे साथ ही उन्होंने आम शिक्षकों से अपने कार्यस्थल पर ही काली पट्टी बाँध कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर इस मुहिम में साथ देने की अपील की है ।
उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया है कि काली पट्टी बाँध कर अपनी तस्वीर को व्हाट्सएप और फ़ेसबुक पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनायें व सोशल मीडिया पर इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी करें ।एलटी से प्रवक्ता पदों पर विगत कुछ वर्षों से पदोन्नति नहीं हो सकी है ।
डॉ० अंकित जोशी का मानना है कि विभाग की अनिर्णयता के कारण पदोन्नतियां नहीं हो पा रही हैं और विभाग पदोन्नतियों को लंबित रखने के उद्देश्य से मामला न्यायालय में लंबित है ऐसा बहाना बना कर शिक्षकों को भ्रमित कर रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि विभाग स्वयं मामले को माननीय उच्च न्यायालय में ले के गया है । जहाँ तक वरिष्ठता विवाद का मसला है तो तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण पहले ही हो चुका है, इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी निर्णय दिया जा चुका है ।
ट्रिब्यूनल द्वारा विभाग से यह स्पष्ट करते हुए पदोन्नतियों पर तीन माह तक रोक लगायी थी कि यदि विभाग विनियमितीकरण की तिथि से तदर्थ शिक्षकों को वरिष्ठता नहीं देना चाह रहा है तो कब से देगा और किस नियम के तहत देगा ? लेकिन विभाग ने इस विधिक प्रश्न का समाधान नहीं किया बल्कि मामले को उच्च न्यायालय में ले के गया । विभाग यदि तदर्थ शिक्षकों को विनियमितीकरण की तिथि से वरिष्ठता नहीं देना चाह रहा था तो उच्च न्यायालय के विनियमीयीकरण के आदेश को चुनौती देता किंतु विभाग द्वारा तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण को चुनौती नहीं दी गई ।
विभाग को चाहिए था कि वरिष्ठता का निर्धारण कर पदोन्नति करता, जिस किसी भी पक्ष को विभाग द्वारा निर्धारित वरिष्ठता अनुचित प्रतीत होती वह माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाता किंतु यहाँ तो विभाग बिना वरिष्ठता निर्धारण किए स्वयं ही न्यायालय में चला गया । विभाग जब चाहे मामले का समाधान कर सकता है और विभाग को स्वयं अपनी याचिका वापस लेनी चाहिए व पदोन्नतियां आरंभ करनी चाहिए ।