बता दे की दिल्ली मे यमुना का जलस्तर घटने लगा है। तो बुधवार दोपहर यमुना का जलस्तर 206.56 मीटर था। लेकिन रात आठ बजे यह घटकर 206.05 मीटर पर पहुंच गया।तो प्रशासन की और से कहा गया है की अब पानी धीरे-धीरे नीचे जा रहा है। लेकिन बाढ़ प्रभावितों को घर लौटने में अभी समय लगेगा। तो करीब हफ्ते भर तक लोगों को ऊंचे स्थानों पर रहना पड़ेगा। तो वही राहत शिविरों में लोगों को खाना और दवाइयां बांटी जा रही हैं।
तो वही लोगों ने कहना है की 2013 में यमुना का पानी इसी तरह बढ़ा था।और इस बार पिछले महीने बढ़े पानी के मुकाबले ज्यादा दूर तक पानी का फैलाव है।तो सोमवार को सुबह हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सीजन का सबसे अधिक पानी छोड़ा गया। तो वही करीब 2,95,212 क्यूसेक पानी एक साथ छोड़ा गया था। इसलिए पानी दिल्ली पहुंचने में अपेक्षाकृत कम समय लगा, जबकि हथिनीकुंड से दिल्ली तक पानी पहुंचने में करीब 48 घंटे लगते हैं। मंगलवार को सुबह करीब सात बजे दिल्ली में यमुना का पानी किनारों की ओर फैलने लगा था।
पुराने रेलवे पुल पर वाहनो का आवागमन बंद
बता दे की पुराने रेलवे पुल से बुधवार को दिनभर वाहनों का अवागमन बंद था।तो बृहस्पतिवार को पानी खतरे के निशान से नीचे आया तो ही आवागमन शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल दिल्ली यातायात पुलिस ने इसके बारे में देर रात तक कोई जानकारी साझा नहीं की है। इस दौरान पुराने रेलवे पुल से रेलगाड़ियों और इसके नीचे वाले पुल से छोटे वाहनों का आवागम पूरी तरह बंद रहा।
तो ट्रेनों का आवागमन भी ठप
राजधानी दिल्ली में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है। खतरे को देखते हुए पुराने लोहे के पुल पर रेल संचालन लगातार दूसरे दिन भी ठप रहा। तो पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से आवाजाही करने वाली कई रेल गाड़ियों को रद कर दिया गया। दिल्ली-शाहदरा से होकर चलने वाली रेलगाड़ियां परिवर्तित रूट से चली। ।