उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताया था कि महिलाओं का समर्थन भाजपा को मिलेगा। छह चरणों के मतदान के बाद दावा किया कि माता-बहनें भाजपा के साथ हैं और चुनाव परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी खुलकर कहा कि भाजपा की प्रचंड बहुमत की जीत में महिला मतदाताओं की बड़ी भूमिका है। समाचार एजेंसियों के सर्वे भी कह रहे हैं कि सपा की तुलना में 16 फीसद अधिक महिलाओं को भाजपा को वोट दिया है, जबकि पुरुषों के मामले में महज चार फीसद का ही अंतर है। ये आत्मविश्वास और परिणाम यूं ही नहीं है।
सत्ताधारी दल ने आधी आबादी पर पूरा प्रभाव छोड़ने की रणनीति पर पहले से काम शुरू कर दिया था। मसलन, केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों में महिलाएं ही ज्यादा थीं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना से दिए गए घर का स्वामित्व महिला को दिया गया। घर में चूल्हा फूंकती 1.67 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस दी। 2.61 करोड़ शौचालय निर्माण कर इसे नारी गरिमा की रक्षा से जोड़ा। कोरोना काल में आए संकट के बाद से मिल रहे डबल राशन ने महिलाओं की रसोई की चिंता हर ली। योगी सरकार की कानून व्यवस्था ने भी महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
यह भी पढे़ं- CM धामी ने पत्नी संग किए हनोल और महासू देवता के दर्शन
सरकार योजनाओं का लाभ दे चुकी थी। अब बारी थी, उस लाभार्थी को भाजपा के मतदाता में परिवर्तित करने की। इसमें भाजपा के रणनीतिकारों ने बड़ी भूमिका निभाई। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य को जिम्मा सौंपकर महिलाओं के लिए अलग से कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई गई। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया कि महिला मोर्चा की सौ-सौ कार्यकर्ताओं की टीम प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगाया गया।