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देहरादून-मसूरी रोपवे का 50% कार्य पूरा, 26 में से 15 टावर तैयार….पहाड़ियों के बीच होगा 15 मिनट का रोमांचक सफर

राजधानी देहरादून से लेकर मसूरी तक निर्माणाधीन रोपवे का कार्य लगभग 50 % कार्य पुर्ण हो चुका है। इसी क्रम में मसूरी के गांधी चौक में टर्मिनल बनने की तैयारी भी शुरू हो चुकी हैं। यह रोपवे देहारदून के पुरकुल गांव से लेकर मसूरी के गांधी चौक तक बनेगा, वहीं पुरकुल में रोपवे टर्मिनल के दस मंजिला पार्किंग का लगभग 50% काम पूरा हो चुका है।

देहरादून-मसूरी रोपवे का 50% कार्य पूरा

      राजधानी देहरादून में देहरादून-मसूरी रोपवे का कार्य धरातल में जल्द ही मूर्त रुप लेने जा रहा है, 2024 में शुरु हुई यह देहरादून मसूरी रोपवे परियोजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी कि पीपीपी मोड के अंतर्गत संचालित हो रही है। इस देहरादून मसूरी रोपवे परियोजना में देहरादून के पुरकुल गांव से लेकर मसूरू के गांधी चौक तक 12 किलोमीटर का रोपवे मार्ग तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए पुरकुल गांव में टर्मिनल का निर्माण होना है जिसकी अभी चौथी मंजिल का कार्य चल रहा है, चार मंजिला इस पार्किंग में तकरीबन 1000 से ज्यादा गाड़ियों को पार्किंग की सुविधा देने के लिए 10 मंजिला बिल्डिंग तैयार की जा रही है तो वहीं मसूरी के गांधी चौक में भी इसी प्रकार एक टर्मीनल का निर्माण किया जा रहा है। आपको बता दें कि रोपवे के लिए कुल 26 टावर बनाए जाने हैं जिनमें से 15 का कार्य पूरा भी हो चुका है।            

पहाड़ियों के बीच होगा 15 मिनट का रोमांचक सफर

            यूं तो मसूरी की देहरादून से दूरी तकरीबन 35 किलोमीटर है लेकिन रोपवे के संचालन के बाद यह सफर केवल साढ़े पांच किलोमीटर का ही शेष रह जाएगा। अब पर्यटक इस रोमांचक सफर में पहाड़ों के बीच से होते हुए मात्र 15 मिनट में पहाड़ों की रानी मसूरी पहुंच सकेंगे। उत्तराखंड पर्यटन विभाग की माने तो आगामी वर्ष 2026 में इस रोपवे को पूर्णत: संचालित कर दिया जाएगा। मसूरी जैसे रमणीय और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज पर्यटन स्थल में वाहनों की भीड़ और उत्सर्जित धुंए को कम करने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने इस मार्ग को निकाला है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन लगभग 25000 के आसपास पर्यटक देहरादून से मसूरी पहुंचते हैं, जबकि वीकेंड्स और किसी त्यौहार के दिन इस आंकड़े में भी वृद्धि हो जाती है और वाहनों की लंबी-लंबी कतार से न सिर्फ पर्यटक बल्कि प्रशासन भी परेशान रहता है, लिहाजा रोपवे मार्ग हर पहलू से पर्यटक और प्रशासन के लिए सर दर्द कम करने का एक उत्तम उपाय है। इसके अलावा भूस्खलन या सड़क टूटने की स्थिति में मार्ग बंद हो जाता है, लिहाजा यह सभी मुश्किलें अब अगले साल से दूर होने वाली हैं।

HNN 24x7 Desk

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