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बाबा केदारनाथ यात्रा ने शीतकाल में पकड़ी रफ्तार, रोजाना 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे धाम

बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा ने मौसम सुहावना होते ही अपने दूसरे चरण में रफ्तार पकड़ रही है। रोजाना 10 हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं, जबकि बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 12 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।

बाबा केदारनाथ यात्रा ने शीतकाल में पकड़ी रफ्तार

बाबा केदारनाथ के धाम की दूसरे चरण की यात्रा ने अपनी गति बढ़ा दी है, बाबा केदार के दर्शन के लिए तीर्थयात्री भारी संख्या में धाम पंहुच रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वक्त रोजाना 10 हजार से भी ज्यादा तीर्थयात्री बाबा केदार की पावन स्थली पर पहुंच रहे हैं। बहरहाल, चूंकि इन दिनों केदारनाथ धाम का मौसम खुशनुमा व सुहाना हो चुका है लिहाजा तीर्थयात्री भी इस समय बाबा केदार के दर्शन कर फिजाओं में बिखरी खुबसुरती का लुत्फ उठा रहे हैं। यहां आपको बताते चलें कि बाबा केदार के दर पर इस वर्ष तकरीबन 17 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं की आमद दर्ज करी गई है। इसमें से अधिकतर तीर्थयात्री जत्थे के साथ केदारनाथ धाम पहुंचे। अलबत्ता, भले ही मानसून सत्र में संचालित चारधाम यात्रा और बाबा केदार धाम की यात्रा अधिक असरदार साबित न हुई हो लेकिन शीतकाल के प्रारंभ में तीर्थयात्रियों की अधिक आमद उत्तराखंड पर्यटन को और अधिक बल प्रदान कर रही है।  

भारी संख्या में धाम पंहुच रहा तीर्थात्रियों का जत्था

उत्तराखंड में संचालित शीतकालीन यात्रा एकबार फिर रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है। चूंकि उत्तराखंड में मानसून सत्र के समय बीते अगस्त माह में भारी बारिश के कारण चारधाम और यात्रा मार्ग के अधिकतर स्थल भूधंसाव और भूस्खलन की जद में आने के कारण क्षतिग्रस्त हो गए थे, लिहाजा उस समय तीर्थयात्रा भी खासा प्रभावित रही। वहीं मानसून सत्र में भारी बारिश होने के कारण अधिकतर समय तीर्थयात्रा या तो बाधित रही या फिर उसे प्रशासनिक स्तर से रोक दिया गया। मगर शीतकाल के प्रारंभिक समय में उत्तराखंड में मौसम खुशनुमा हो चुका है और मानसून के बाद बाबा केदार के आस-पास की पहाड़ियों की तलहटी पर भी ताजी हरी बुग्याली घास उगने लगी है, लिहाजा तीर्थयात्री यात्रा के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का मजा भी ले रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा अपने दूसरे चरण में धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है, इसका साफ असर उत्तराखंड पर्यटन की मजबूती के रुप में देखा जा सकता है।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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