राष्ट्रीयस्वास्थ्यहोम

कोविड-19 के समय केंद्र के सहयोगी कदम का उठाया फायदा

60% से अधिक वेंटिलेटर काम नहीं आए

कोरोना महामारी के प्रकोप से बचने के लिए केंद्र सरकार तथा राज्यों के द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं।  बृहस्पतिवार को लोकसभा में नियम 193 के तहत कोविड-19 से पैदा हुए हालातों पर चर्चा करते हुए शिवसेना के संजय राउत ने केंद्र तथा राज्यों के कार्यो को सरहना कि। साथ ही निजी ठेकेदारों एजेंसियों तथा अस्पतालों द्वारा जनता को लूटने कि बात कही थी। संजय राउत का कहना था कि पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे सहित समस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों, स्वास्थ्य मंत्रियों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के प्रयत्नो से आज देश कोविड से निजात पाने के रास्ते में आगे बढ़ रहा है। साथ ही उनका कहना था कि केंद्र ने महामारी के समय राज्यों को जरुरत के अनुसार वेंटिलेटर एवं प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन(पीएसए) प्लांट उपलब्ध करने का वादा किया था किंतु दुर्भाग्यवश पीएम केयर्स निधि कि ओर से आए 60% से अधिक वेंटिलेटर काम नहीं आए।

ठेकेदारों ने दिए बेकार उपकरण

संजय के अनुसार केंद्र से मिले इस कार्यभार को उठाने वाली एजेंसियों एवं ठेकेदारों ने बेकार उपकरण उपलब्ध करवाए। स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया कि तारीफ में उनका कहना था कि मंत्री के सहायता कि पहल को ठेकेदारों व स्पलायर एजेंसियों ने गलत फायद उठाया है। उन्होनें कहा कि इस प्रकार कि कठोरता पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के मामले मे भी दिखाई है। साथ ही कोविड के कारण से ही बरसों से बंद पड़े संस्थान व एजेंसियां शुरु हुई हैं।

महामारी के समय मरीजों को लूटा गया

संजय ने महामारी के समय निजी हॉस्पिटलों ने कथित तौर पर मरीजों से अधिक राशि लेने कि बात करते हुए कहा कि आगे ऐसा करने वालो के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए। साथ ही उनका कहना था कि लगभग 45 करोड़ जनता नें वैक्सीन कि दोनो डोज ली हैं। किंतु इससे समधान नहीं नकलेगा जब तक संपूर्ण आबादी का वैक्सिनेश होने के बाद ही खुशी मना सकते हैं। यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उत्तराखंड में चुनावी शंखनाद

सभी के लिए समान नियम होने चाहिए लागू

शिवसेना सांसद ने गौर करते हुए कहा कि कोविड के दौर में जो करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं। सरकार को बताना चाहिए कि वह उनके लिए क्या करना चाहती है? उन्होनें आगे कहा कि डेल्टा तथा डेल्टा प्लस के बाद वायरस के नए स्वरुप ओमीक्रोन के सामने आने से परेशानी बढ़ गई है। जिसके चलते मीडिया सहित सभी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को समान नियम लागू करने चाहिए। वायरस के प्रकोप कि चर्चा उसके खत्म के समय की जा रही है ऐसा आगे नहीं होना चाहिए। अंजली सजवाण

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