uttarakhand news : सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट आज शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद किए जाएंगे। बर्फबारी और ठंड बढ़ने के चलते हर वर्ष की तरह इस बार भी अक्टूबर माह में कपाट बंद करने की परंपरा निभाई जा रही है।गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन समिति के अनुसार सुबह अरदास के बाद गुरु ग्रंथ साहिब को विशेष पालकी में रखकर हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट के लिए रवाना किया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालु ‘जो बोले सो निहाल’ के जयकारों के साथ भावुक विदाई देंगे।
अगले वर्ष मई-जून में खुलेंगे कपाट
कपाट बंद होने से पहले हजारों श्रद्धालुओं ने पिछले कुछ दिनों में हेमकुंड साहिब में पहुंचकर माथा टेका और आशीर्वाद लिया। बता दें कि समुद्रतल से करीब 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पवित्र स्थल सर्दियों में बर्फ से पूरी तरह ढक जाता है, जिसके कारण यहां आवाजाही संभव नहीं रहती। अब हेमकुंड साहिब के कपाट अगले वर्ष मई-जून में श्रद्धालुओं के लिए पुनः खोले जाएंगे। कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की यात्रा का सफल समापन हो जाएगा।
लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी आज होंगे बंद
हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्तूबर यानि आज दोपहर दो बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की ओर से इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद हो जाएंगे। आपको बता दें लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। वहीं अभी तक हेमकुंड साहिब में दर्शन के लिए दो लाख 72 हजार श्रद्धालु पहुंचे।
हेमकुंड साहिब की यात्रा इस साल 139 दिन चली
इस साल हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले गए थे, और आज यानि 10 अक्तूबर को बंद हो रहे हैं। इस तरह हेमकुंड साहिब की यात्रा इस साल 139 दिन चली।