पंजाब में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। चन्नी ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया है। उन्होंने मुझे और कैबिनेट को नई सरकार के शपथ ग्रहण तक बने रहने के लिए कहा। मैं लोगों के जनादेश को स्वीकार करता हूं।
विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस बुरी तरह से हार गई और उसे मात्र 18 सीटें ही मिली हैँ। खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटें गंवा बैठे हैं। इसके अलावा सात मंत्रियों को छोड़कर शेष सभी अपनी सीट नहीं बचा सके। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने से पूर्व चरणजीत सिंह ने कैबिनेट की वर्चुअल तौर पर बैठक बुलाई, जिसमें विधानसभा के चुनाव में जीतकर आने वाले मंत्रियों जिनमें सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, अरुणा चौधरी ,अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, राणा गुरजीत सिंह और परगट सिंह शामिल हुए।
मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने नई सरकार के गठन से पूर्व 15वीं विधानसभा को भंग करने संबंधी प्रस्ताव पढ़ा, जिसे सभी मंत्रियों ने स्वीकार कर लिया और राज्यपाल से विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुसन लाल के साथ राजवभवन पहुंचे और उन्होंने अपने इस्तीफे और विधानसभा को भंग करने का पत्र राज्यपाल को सौंप दिया।
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बताया जा रहा है कि नए मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान 16 मार्च को खटकड़ कलां में शपथ लेंगे। इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक तौर पर बात करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आम आदमी पाटी को बधाई दी और उनके लिए शुभेच्छा जाहिर की।