मुख्यमंत्री ने दिल्ली स्थित केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘नेचुरल फार्मिंग एंड डिजिटल एग्रीकल्चर’ के संबंध में आयोजित बैठक में वर्चुअली माध्यम से सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘कम लागत व अधिक उत्पादन’ का एकमात्र मंत्र प्राकृतिक खेती ही हो सकता है। प्राकृतिक खेती के जरिए ही किसानों को समृद्धि मिल सकती है। इसके लिए प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए प्रदेश में जल्द ही प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन किया जाएगा और इसके माध्यम से प्राकृतिक खेती व औद्यानिक फसलों को वैश्विक मंच उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक प्रदेश के एक लाख 25 हजार किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं और उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर गो आधारित प्राकृतिक खेती की गई है, वहां पर कम बारिश के बावजूद फसल अच्छी हुई है। उन्होंने कहा कि अब तक बुंदेलखंड के सभी 7 जिलों के 47 ब्लॉकों में प्राकृतिक खेती के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर सब्सिडी भी दे दी गई है। और प्रदेश में गंगा के तटवर्ती सभी 27 जिलों के 105 ब्लॉकों में प्राकृतिक खेती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि भू-मानचित्रों की स्कैनिंग, डिजिटाइजेशन और जीआईएस आधारित खतौनी का डाटा भूलेख से लिंक करने का 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा एनआरएसए हैदराबाद से जियो रेफरेंस्ड कराए जाने और मानचित्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इससे किसानों को रियल टाइम भू-अभिलेख की जानकारी मिल सकेगी। यह कार्य इस साल के अंत कर पूरा कर लिया जाएगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद और प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग उपस्थित थे।