उत्तराखंडउत्तराखंड प्रशासनदेहरादूनबड़ी खबरसामाजिक

देहरादून की मॉडल रोड का सपना अधूरा, आठ साल बाद भी नहीं निपट पाया काम

देहरादून की करीब साढ़े छह किलोमीटर लंबी मॉडल रोड आठ साल बाद भी अधूरी है। अतिक्रमण से फुटपाथ और नाली का काम बाधित, सरकारी प्रयास असफल साबित।

देहरादून की मॉडल रोड का सपना अधूरा

  देहरादून की आइएसबीटी से घंटाघर तक बन रही करीब साढ़े छह किलोमीटर लंबी मॉडल रोड का सपना आठ साल बाद भी अधूरा पड़ा है। भाजपा सरकार के समय शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक द्वारा शुरु की गई इस परियोजना में करीब आठ करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी अतिक्रमण ने रोड के फुटपाथ और नाली के काम को रोक दिया है। साढ़े छह किलोमीटर क्षेत्र में 500 से अधिक अतिक्रमण मामले जिला प्रशासन की चुनौती बने हुए हैं। शिमला बाईपास से लालपुल, पटेलनगर से सहारनपुर चौक और गांधी रोड से घंटाघर तक फुटपाथों पर अवैध कब्जा जारी है, जबकि जेसीबी की गतिविधि के बावजूद काम अधूरा ही है। आढ़त बाजार के बाटलनेक पर चल रही परियोजना में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस स्थिति ने मॉडल रोड के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है और शहरवासियों के लिए बेहतर आवागमन की उम्मीदें अधर में लटकी हैं।  

देहरादून की माडल रोड पर अतिक्रमण से जीवन प्रभावित

देहरादून में पूर्व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के ड्रीम प्रोजेक्ट माडल रोड पर जेसीबी के काम और अतिक्रमण हटाने के बाद भी सड़क की स्थिति सुधरने के बजाए और बिगड़ी है। जून 2017 में जेसीबी गरजने के बाद बड़े अतिक्रमण तो ध्वस्त किए गए, लेकिन नाली, फुटपाथ और रेलिंग के काम अधूरे रह गए। माडल रोड के फुटपाथों पर नगर निगम के लगाये गए बड़े होर्डिंग और माजरा जैसे हिस्सों में खड़ी प्राइवेट क्रेन आवाजाही रोक रही हैं। माजरा से भूसा स्टोर तक तीन किलोमीटर में फुटपाथ पर फैले कार बाजार और पटेलनगर, ब्रिडकुल सहित कई इलाकों में खुलेआम फुटपाथ और सड़कों तक कारें पार्क की जा रही हैं, जिससे पैदल चलने वालों और वाहनों को जाम और असुविधा का सामना करना पड़ता है। करीब साढ़े छह किलोमीटर क्षेत्र में 112 गैराज और वर्कशाप फुटपाथ पर फैले हैं, जो यहां के आम लोगों की पैदल आवाजाही को जोखिम भरा बना रहे हैं। स्थिति से न केवल प्रशासन की ठोस कार्रवाई की मांग बढ़ रही है, बल्कि शहरवासियों का रोजमर्रा का जीवन भी प्रभावित हो रहा है।  

देहरादून की सड़कों पर जाम और अतिक्रमण का तांडव

देहरादून की गांधी रोड, खासकर प्रिंस चौक से दर्शनलाल चौक के बीच, दिन-रात कब्जों और अतिक्रमण के कारण जाम की समस्या बनी हुई है। यहां कई दुकानें और होटल फुटपाथ तक फैले हुए हैं, जिससे सड़क संकरी हो गई है और फायर स्टेशन के सामने यातायात ठप सा है। माडल रोड पर बिजली के ट्रांसफार्मर, पोल और हैंडपंप फुटपाथ के बीच खड़े हैं, जिन्हें न तो शिफ्ट किया गया और न ही उचित रखरखाव मिला। आठ करोड़ रुपये खर्च के बावजूद नाली और फुटपाथ निर्माण अधूरा है, टाइल्स और स्लैब का काम अधूरा छोड़ दिया गया है। लालपुल से प्रिंस चौक तक नाली कई जगह टूट चुकी है जबकि फुटपाथ पर रेलिंग का काम भी पूरा नहीं हुआ है। नतीजतन, पैदल चलने वालों के लिए रास्ता मुश्किल हो गया है और जल निकासी की समस्या बनी हुई है, जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button