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पूर्व कानून मंत्री डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने स्पीकर व मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, बर्खास्त कार्मिकों को पुनः बहाल किया जाय

Former Law Minister Dr. Subramaniam Swamy said in a letter to the Speaker and the Chief Minister, the dismissed personnel should be reinstated देहरादून । भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार स्वामी ने विधानसभा के बर्खास्त कर्मियों के हक में स्पीकर व सीएम धामी को पत्र भी लिखा और ट्वीट भी किया। अपने पत्र में बीजेपी के पूर्व सांसद एवं पूर्व कानून मंत्री डॉ स्वामी ने भी अब उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त 228 तदर्थ कार्मिकों के पुनः बहाली के पक्ष में पैरवी की है। स्वामी ने मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सर्वदलीय बैठक बुलाकर या किसी अन्य स्तर से जो भी सम्भव हो, कर्मचारियों के पक्ष में न्याय संगत कार्यवाही करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा है कि ‘मैं आशा करता हूँ कि आप सर्वदलीय बैठक या अपने स्तर से जो भी सम्भव हो इन कर्मचारियों के पक्ष में न्याय संगत कार्यवाही करें क्योंकि मुझे भी लग रहा है कि इनके साथ अन्याय हुआ है । एक ही राज्य में एक ही तरह से लगे कर्मचारियों के साथ अलग अलग भेदभाव किया जाना ठीक नही है।आपसे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास करता हूँ कि आप कर्मचारियों को पुनः बहाली अवश्य करेंगे। विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त 228 तदर्थ कार्मिकों ने पूर्व कानून मंत्री को पत्र लिखकर उनके साथ हुए अन्याय के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसका संज्ञान लेते हुए डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से कर्मचारियों के साथ न्याय कर पुनः बहाली की बात कही है। इससे पूर्व, हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित विभिन्न कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से भेंटकर बर्खास्त कार्मिकों की बहाली के संबंध में वार्ता कर ज्ञापन भी सौंपा है। हरीश रावत सरकार में स्पीकर रहे गोविन्द सिंह कुंजवाल ने भी लगभग 155 कर्मियों की भर्ती की थी। इन नियुक्तियों को लेकर पूर्व स्पीकर कुंजवाल व प्रेमचन्द अग्रवाल भी कठघरे में खड़े हैं। विधानसभा से बर्खास्त कार्मिकों को उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाईं रावत सहित छात्र नेताओं ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर दिया समर्थन बर्खास्त कार्मिकों को विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है। कार्मिकों का कहना है कि जब राज्य गठन से लेकर अब तक विधानसभा में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति हुई है तो कार्यवाही केवल 2016 एवं उसके उपरांत की नियुक्तियों पर ही क्यों की गई। वहीं अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्मिकों की बहाली की पैरवी कर ठंड में प्रदर्शन कर रहे बर्खास्त कार्मिकों के आंदोलन में गर्मी पैदा कर दी है

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