हिमाचल प्रदेश के लोग लगातार तीसरे साल भी गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाले समारोह में हिमाचल की झांकी नहीं देख पाएंगे। इस समारोह के लिए हिमाचल ने इस बार कोई भी झांकी नहीं भेजी है।
वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की हिमाचल यात्रा का प्रस्ताव भेजा गया था। रक्षा मंत्रालय ने हिमाचल की इस झांकी के मॉडल को भी खारिज कर दिया था। वर्ष 2021 में अटल टनल रोहतांग का माडल मंजूर नहीं हुआ था।
कई अन्य राज्यों की ओर से भी स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ा माडल भेजने पर हिमाचल का धामी गोलीकांड पहले चरण में ही बाहर हो गया था। इसके बाद हिमाचल प्रदेश को विकासात्मक योजनाओं को लेकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था। बागवानी, पर्यटन, बिजली परियोजनाओं और धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के विकास को दर्शाता प्रस्ताव भेजा गया था।दूसरे चरण में प्रदेश का यह प्रस्ताव पास हो गया था, लेकिन अंतिम दौर की छंटनी में इसे भी खारिज कर दिया था।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास राज्यों से माडल बनाकर भेजे जाते हैं। इन दौरान प्रतिस्पर्धा में बेहतर माडलों की झांकी तैयार करके गणतंत्र दिवस में शामिल किया जाता है।
राजपथ पर वर्ष 2007 में लाहौल-स्पीति, 2012 में किन्नौर, 2017 में चंबा की संस्कृति की झलक देखने को मिली थी। वर्ष 2018 में लाहौल-स्पीति के कीह गोंपा की झांकी दिखाई गई थी। वर्ष 2020 में कुल्लू दशहरा की झांकी को भी केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने शामिल किया था।