उत्तराखंड

सैनिकों ने भरी हुंकार, उत्तराखंड में लायेंगे बदलाव, पांच सौ पूर्व सैनिकों ने थामा दामन

सैनिकों ने भरी हुंकार, उत्तराखंड में लायेंगे बदलाव, पांच सौ पूर्व सैनिकों ने थामा दामन पांच सौ पूर्व सैनिकों ने थामा यूकेडी का दामन सैनिकों ने भरी हुंकार, उत्तराखंड में लायेंगे बदलाव यूकेडी की रीढ़ हैं पूर्व सैनिक : कठैत देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व सैनिक एवं वीर नारी सम्मान और सदस्यता अभियान समारोह में करीब पांच सौ पूर्व सैनिकों ने दल की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पूर्व सैनिकों ने हुंकार भरते हुए यूकेडी को मजबूत करने का संकल्प लिया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने कहा कि पूर्व सैनिकों ने देश के लिए अपने जीवन के अहम पल दिए हैं। उनके योगदान को कोई भी नहीं भुला सकता है। अब पूर्व सैनिक उत्तराखंड की सेवा कर रहे हैं। सैनिक कभी रिटायर्ड नहीं होते। समाज को उनकी सेवाओं का लाभ हमेशा मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज अपने जांबाज सैनिकों एवं वीरांगनाओं को सम्मानित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने देश की एकता एवं अखण्डता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सभी सैनिको को नमन करते हुए कहा कि हमारे सैनिकों के कारण आज सभी सुरक्षित हैं। एक सैनिक के जीवन में कई चुनौतियां होती हैं। इसके बावजूद वह समर्पण भाव से काम करता है। उन्होंने कहा कि मूल निवास 1950, सशक्त भू कानून, परिसीमन, रोजगार सहित अन्य मुद्दों को लेकर यूकेडी मुखरता से आंदोलन करेगी। इस मौके पर यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री कर्नल (रि) सुनील कोटनाला ने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है। पहले देश सेवा और अब समाज सेवा की भावना लेकर कई पूर्व सैनिक यूकेडी से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक ही क्षेत्रीय विचारधारा को आगे बढ़ा सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने दल में शामिल हुए सभी सैनिकों को दल की नीतियों के बारे में बताया। सैनिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष कैप्टन (रि) चंद्रमोहन सिंह गड़िया एवं उपाध्यक्ष सूबेदार मेजर (रि) महिपाल सिंह पुंडीर ने कहा कि पूर्व सैनिक अपने क्षेत्रीय दल को मजबूत करना चाहते हैं। सैनिकों की भावनाएं यूकेडी से जुड़ी हुई है। हरेक सैनिक मानता है कि यूकेडी ने उत्तराखंड का निर्माण किया है। इसलिए हर कोई दल से जुड़ना चाहता है। सैनिक प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रमोद काला ने कहा कि हमारी सेना ने हमेशा अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया है। हमारी सेना के शौर्य एवं पराक्रम का इतिहास है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। उत्तराखण्ड से प्रत्येक परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। उत्तराखण्ड के सैनिकों एवं सैन्य परिवारों द्वारा दिये गये योगदान को शब्दों से बयां करना मुश्किल है। इस मौके पर वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। जिसमें मुख्य रूप से शांति बोहरा, नीलम नेगी, कोटेश्वरी देवी, रामेश्वरी देवी, कैप्टन भगवान सिंह, सूबेदार मेजर कुंवर सिंह, कैप्टन सतेंद्र सिंह नेगी, कैप्टन विजय कुमार धस्माना, हवलदार मदन सिंह बिष्ट, हवलदार भूपेंद्र सिंह, हवलदार भगवान सिंह गड़िया, विवेक अवस्थी, अंकुश रावत, मेहरबान भंडारी, कैप्टन नरेंद्र सिंह रौतेला, ब्लॉक प्रमुख एवं पूर्व सैनिक जयपाल सिंह पंवार आदि शामिल है। इस मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत, केंद्रीय महामंत्री मोहन असवाल, महामंत्री विजय बौड़ाई, उषा चौहान, प्रीति थपलियाल, कोषाध्यक्ष कुंवर प्रताप, युवा अध्यक्ष राजेन्द्र बिष्ट, बृजमोहन सजवाण, यूएसएफ अध्यक्ष लुशुन टोडरिया, महानगर अध्यक्ष विजेंद्र रावत, गणेश काला, अनिल डोभाल, केंद्रीय प्रवक्ता, मीनाक्षी घिल्डियाल, सोमेश बुढाकोटी, प्रांजल नौडियाल, पंकज उनियाल, सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सूबेदार मेजर देवचंद उत्तराखंडी ने किया।

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