रूस की सेना ने जंग के 25वें दिन यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल में अब तक का सबसे भीषण हमला किया है। इस शहर की 80 फीसदी रिहायशी इमारतें तबाह हो गई हैं। हर तरफ रूसी टैंक नजर आ रहे हैं। मारियुपोल में अभी भी 3 लाख लोग फंसे हुए हैं और उनके पास न तो खाना है और न ही पानी। शहर से दवाइयां भी खत्म हो रही हैं और रूस की सेना ने इस पूरे शहर को हर तरफ से घेर लिया है। शहर के मेयर का आरोप है कि स्थानीय लोगों को जबरन रूस जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
मेयर ने बताया कि कई बर्बाद हो चुकी इमारतों के बेसमेंट में लोग फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने का काम अब ठप हो गया है। उन्होंने बताया कि रूस मानवीय मदद देने पर रोक लगा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर भीषण लड़ाई चल रही है और हर तरफ रूसी टैंक नजर आ रहे हैं।’ मारियुपोल के मेयर ने बताया कि रूसी सेना तोपों से गोले बरसा रही है और हर तरह के हथियारों का इस्तेमाल इस शहर पर किया जा रहा है।
मेयर ने कहा कि यूक्रेन की सेना अपनी जगह पर बने रहने का प्रयास कर रही है लेकिन दुखद बात यह है कि दुश्मन के सैनिकों की संख्या हमसे बहुत ज्यादा है। मारियुपोल सिटी काउंसिल की ओर से जारी ताजा बयान में कहा गया है कि हजारों की तादाद में स्थानीय लोगों को उनकी मर्जी के बिना ही रूसी इलाके में बने कैंप में ले जाया जा रहा है। इन कैंपों में यूक्रेनी नागरिकों के फोन और दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। सड़कों पर लाशें पड़ी सड़ रही हैं लेकिन उन्हें उठाने वाला कोई नहीं है।
रूसी हमले हुए तेज
यूक्रेन पर रूसी हमला (Russia Ukraine War) अब और तेज होता जा रहा है। रूसी सेना ने शुक्रवार सुबह दक्षिण यूक्रेन में मिलिट्री ठिकाने पर हमला बोला, जिसमें दर्जनों सैनिकों की मौत की खबर है। एक यूक्रेनी सैनिक के मुताबिक रूसी सेना ने जब हमला बोला, उस वक्त करीब 200 सैनिक सैन्य छावनी में सोए हुए थे। यूक्रेनी सेना के एक सैनिक का कहना है कि कम से कम 50 लाशें वहां से निकाली गई हैं।
100 सैनिक मारे गए
यूक्रेनी सैनिकों की बैरक पर हुआ ये हमला दक्षिणी यूक्रेन के माइकोलीव शहर में हुआ था। बचाव अभियान के दौरान प्रत्यक्षदर्शी ने घटना से जुड़ी जानकारी दी। उसका कहना है कि कितने अन्य सैनिक वहां मलबे के नीचे दफन हो गए, इसकी कोई जानकारी नहीं है। एक अन्य सैनिक ने कहा कि इस बमबारी में कम से कम 100 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति मध्यस्थता को तैयार
यूक्रेन ने चीन से “रूसी हमले की बर्बरता” की निंदा करने की अपील की। बीते दिन ही मॉस्को ने दावा किया कि उसने पहली बार नई हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ यूक्रेनी हथियार डिपो पर हमला किया था। पश्चिमी यूक्रेन में संघर्ष के दौरान किंजल हाइपरसोनिक हथियारों का ये पहला उपयोग था। वहीं स्विट्ज़रलैंड के राष्ट्रपति इग्नाज़ियो कैसिस ने कहा कि वो यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में मध्यस्थता के लिए तैयार है। कैसिस ने बर्न में शनिवार की एक रैली में स्विस आरटीएस प्रसारक के हवाले से कहा कि यह स्वतंत्रता के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता वाला एक छोटा देश है। यह पर्दे या मेजबान वार्ता के पीछे मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
रूस पर दुष्प्रचार का आरोप
छह पश्चिमी देशों ने शुक्रवार को कहा कि रूस यूक्रेन पर अपने आक्रमण के बारे में दुष्प्रचार और दुष्प्रचार फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उपयोग कर रहा है। परिषद की बैठक में छह देशों ने अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस द्वारा पढ़े गए एक बयान में कहा कि रूस एक बार फिर इस परिषद का इस्तेमाल अपने दुष्प्रचार को फैलाने, अपना प्रचार फैलाने और यूक्रेन पर अपने अकारण और क्रूर हमले को सही ठहराने के लिए करने का प्रयास कर रहा है।
अंतरिक्ष यात्रियों ने पहनी ये ड्रेस
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, तीन रूसी अंतरिक्ष यात्री पीले और नीले रंग के कपड़े पहनकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पहुंचे, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि वो यूक्रेन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने मीडिया कवरेज की तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें अनुमान लगाया गया था कि अंतरिक्ष यात्री यूक्रेन के समर्थन में है।
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अमेरिका ने चीन की दी चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग (Xi Jinping) को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चीन यूक्रेनी शहरों पर भीषण हमले कर रहे रूस को मदद मुहैया कराने का फैसला करता है, तो बीजिंग के लिए इसके कुछ निहितार्थ और परिणाम होंगे। व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी।