
Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 24 घंटों में तीन और मासूमों ने दम तोड़ दिया, जिससे प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं, जबकि संबंधित दवा कंपनियों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
कुछ घंटों बाद ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी
जानकारी के अनुसार, हाल ही में जिन बच्चों की मौत हुई है, उन्होंने खांसी-जुकाम के इलाज के लिए स्थानीय दवा दुकानों से खरीदा गया कफ सिरप सेवन किया था। सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी — उन्हें उल्टियां, पेट दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखाई दिए। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दुकानों से सिरप के सैंपल जब्त
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित दवा दुकानों से सिरप के सैंपल जब्त कर लिए हैं। फॉरेंसिक जांच के लिए इन्हें लैब भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में सिरप में हानिकारक केमिकल की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि “दोषी पाए जाने पर दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की जान से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
संदिग्ध कफ सिरप इस्तेमाल न करने की सलाह
स्थानीय प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि फिलहाल संदिग्ध कफ सिरप का इस्तेमाल न करें और किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। गौरतलब है, इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में संदिग्ध कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। लगातार हो रही इन घटनाओं ने दवा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
20 तक पहुंची मृतकों की संख्या
पिछले 24 घंटों में तीन और मासूमों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या 20 तक पहुंच गई है। छिंदवाड़ा, पांढुर्ना और बैतूल में इस त्रासदी ने पूरे इलाके को शोक में डाल दिया है। पांच बच्चे अभी भी नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए टीम चेन्नई और कांचीपुरम भेज दी है।








