HNN Shortsउत्तराखंड

Good news : टी.बी. के 300 मरीजों को गोद लेगा श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल: श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज

सीएमओ देहरादून व जिला क्षय अधिकारी क्षय रोगियों की सूची उपलब्ध करवाएंगे

टी.बी. के 300 मरीजों को गोद लेगा श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल: श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज  सी.एम.ओ. दून डाॅ संजय जैन व जिला क्षय अधिकारी डाॅ मनोज वर्मा ने श्री दरबार साहिब में टेका मत्था  सीएमओ देहरादून व जिला क्षय अधिकारी क्षय रोगियों की सूची उपलब्ध करवाएंगे  श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय का सोशल वर्क विभाग टी.बी. रोगियों के परिवारों सेे मिलकर उनके समग्र स्वास्थ्य पर करेगा काम देहरादून : मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून डाॅ संजय जैन व जिला क्षय अधिकारी डाॅ मनोज वर्मा ने बुधवार को श्री दरबार साहिब में मत्था टेका। डाॅ संजय जैन व डाॅ मनोज वर्मा ने श्री महाराज जी के साथ शिष्टाचार भेंट की व श्री महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। भेंट के दौरान श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने घोषणा की कि 300 टी.बी. मरीजों को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल गोद लेगा। उन टी.बी. मरीजों के उपचार, भोजन व दवा की जिम्मेदारी श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल उठाएगा। सीएमओ देहरादून व जिला क्षय अधिकरी जल्द ही श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को क्षय रोगियों की सूची उपलब्ध करवाकर क्षय रोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया को पूर्णं करवाएंगे। काबिलेगौर है कि भारत सरकार ने वर्ष 2024 तक देश को क्षय रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस मुहिम को राज्य में सफल बनाने के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल व राज्य सरकार मिलकर कार्य करेंगे। बुधवार सुबह 11ः30 बजे सीएमओ देहरादून डाॅ संजय जैन श्री दरबार साहिब पहुंचे। श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं व देहरादून में मरीज़ को बेहतर से बेहतर उपचार सुविधाएं देने के लिए दोनों के मध्य विस्तृत चर्चा हुई। सीएमओ देहरादून ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को राज्य सरकार का प्रमुख स्वास्थ्य सहयोगी बताया। सीएमओ डाॅ संजय जैन ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के द्वारा मरीजों की दी जा रही गुणवत्तापरक सेवाओं की सराहना की। सीएमओ ने कहा कि चाहे कोरोना काल का समय रहा हो या राज्य में अन्य स्वास्थ्य से सम्बन्धित कोई भी बड़ा विषय सामने आया हो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की सेवाओं का सहयोग निरंतर मिलता रहा है। इसके लिए उन्होंने श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का आभार जताया। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के सोशल वर्क विभाग के फेकल्टी व छात्र-छात्राएं ऐसे मरीजों व उनके परिवार वालों से मिलेंगे। उनके रोगियों के घरों की स्थिति, घर का वातावरण पर अध्ययन करेंगे। स्लम एरिया, उचित हवादार कमरों का अभाव, नमी भी टी.बी. की बीमारी के बढ़ने का कारक हैं। मरीजों व उनके परिजनों को टी.बी. के रोकथाम व उपचार के बारे में नियमित काउंसलिंग कार्यक्रम चलाएंगे। विश्वविद्यालय का योग विभाग के विशेषज्ञ टी मरीजों को योग व प्रणायाम का प्रशिक्षण देकर टी.बी. से लड़ने की क्षमता बढाएगा। नशे की गिरफ्त में फंसे टी.बी. रोगियों के लिए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का मनोरोग विभाग विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा। निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार टी.बी. मरीजों को 6 माह या निर्धारित समयांतराल तक नियमित दवा लेनी होती है, दवा छोड़ने पर मेडिकल ड्रग रैसिस्टेंट (एमडीआर) की स्थिति पैदा हो जाती है। इस अवस्था में टी.बी. मरीज़ को 6 माह से बढ़ाकर डेढ़ साल तक टी.बी. उपचार का कोर्स लेना पड़ सकता है। एसजीआरआर विश्वविद्यालय की टीम रोगियों को जागरूक करेगी की वे दवा का कार्से बीच में कतई न छोड़ें। वे अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button