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भारत और चीन :उत्तर में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ये अभी मुश्किल हैं

उन्होंने कहा कि अंतत: भारत को अपने हितों की ओर देखना होगा क्योंकि भारत एक बड़ा देश है जहां सामान्य तौर पर उसके अन्य देशों के साथ संबंध होंगे.

भारत और चीन :उत्तर में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ये अभी मुश्किल हैं स्टेनफोर्ड (कैलिफोर्निया): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि चीन भारत पर कुछ थोप नहीं सकता और भारत तथा चीन के संबंध आसान नहीं हैं, ये ‘मुश्किल’ होते जा रहे हैं. कांग्रेस नेता तीन अमेरिकी शहरों की यात्रा पर हैं और उन्होंने कैलिफोर्निया में स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय परिसर में बुधवार रात छात्रों के एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही. छात्रों ने राहुल से पूछा था, ‘अगले पांच से दस वर्षों में भारत और चीन के बीच संबंध कैसे होंगे, आप इसे कैसे देखते हैं.’ इसके उत्तर में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ये अभी मुश्किल हैं. मेरा मतलब है कि उन्होंने हमारे कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है. ये मुश्किल हैं, ये इतने आसान नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘भारत पर कुछ थोपा नहीं जा सकता. ऐसा कुछ नहीं होने वाला.’ भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तीन वर्षों से गतिरोध कायम है. जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. भारत का रुख है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमाई इलाकों में शांति न हो. स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में बातचीत के दौरान राहुल ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखने की भारत की नीति का समर्थन किया. कांग्रेस नेता से प्रश्न किया गया था कि क्या वह रूस को लेकर भारत के तटस्थ रुख का समर्थन करते हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘हमारे रूस के साथ संबंध हैं,हमारी रूस पर कुछ निर्भरताएं है. इसलिए मेरा वही रुख है जो भारत सरकार का है.’ उन्होंने कहा कि अंतत: भारत को अपने हितों की ओर देखना होगा क्योंकि भारत एक बड़ा देश है जहां सामान्य तौर पर उसके अन्य देशों के साथ संबंध होंगे. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह इतना छोटा तथा आश्रित नहीं है कि इसके केवल एक के साथ संबंध हों, किसी और के साथ नहीं. अपनी बात उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘हमारे पास सदैव इस प्रकार के संबंध होंगे. कुछ लोगों के साथ हमारे बेहतर संबंध होंगे, कुछ के साथ संबंध बनेंगे. तो इस प्रकार का संतुलन है. राहुल ने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों का समर्थन किया, साथ ही उत्पादन की जरूरत तथा डेटा और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उभरते क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इन द्विपक्षीय संबंधों में केवल सुरक्षा तथा रक्षा के पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना पर्याप्त नहीं है.

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