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छह नहीं नौ महीने बाद ही लगेगी एहतियाती खुराक

भारत में 10 जनवरी से हेल्थकेयर और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ कार्यकर्ताओं और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 18-59 साल के आयु वर्ग में 5 लाख से ज्यादा लोगों को एहतियात की खुराक दी जा चुकी है। इसके अलावा ,4736567 स्वास्थय करमियों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 14,545595 व्यक्तियों को खुराक लगाई जा चुकी हैं। भारत ने 10 अप्रैल को निजी टीकाकरण केंद्रों पर 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड-19 टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया। दरासल पहले कुछ रिपोर्टस में  किया गया था कि दूसरी खुराक और एहतियाती खुराक के बीच के अंतर को कम करने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा सिफारिश किए जाने की उम्मीद है। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि दूसरी खुराक और एहतियाती खुराक के बीच के मौजूदा अंतर को फिलहाल कम नहीं किया गया है। कहा गया था कि आईसीएमआर और अन्य अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों के अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि दोनों खुराक के साथ प्राथमिक टीकाकरण से लगभग छह महीने बाद एंटीबॉडी स्तर कम हो जाता है और बूस्टर देने से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ जाती है। यह भी पढे़ं- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 3 दिवसीय दौरे पर आएंगे उत्तराखंड पहले की तरह दोनों खुराकों के बीच का अंतर 9 महीने का ही हैं। केंद्र सरकार ने उस खबर का खंडन किया हैं, जिनमें कहा जा रहा था की दोनो खुराकों में 6 महीनों के अंतर मे किया जा सकता हैं। प्रिया चाँदना

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