रूसी हमले के बाद लाखों लोग यूक्रेन से निकलकर आसपास के देशों में शरण ले चुके हैं. अभी भी पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया जैसे देशों में लगातार यूक्रेनी शरणार्थी पहुंच रहे हैं. इन शरणार्थियों में शामिल एक बच्चे ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. 11 साल का यह बच्चा अकेले 1,200 किलोमीटर की यात्रा कर यूक्रेन के ज़ेपोरज़िया से स्लोवाकिया पहुंचा है.
इस बच्चे का नाम हसन है. हसन की मां उसकी बुज़ुर्ग नानी को अकेला नहीं छोड़ सकती थीं, इसलिए उन्होंने एक पासपोर्ट, 2 छोटे बैग और रिश्तेदार के फ़ोन नंबर के साथ उसे बॉर्डर तक जाने वाली ट्रेन में चढ़ा दिया. जहां कस्टम अधिकारियों ने स्लोवाकिया पहुंचने में उसकी मदद की. अधिकारियों ने बच्चे को बहादुर बताते हुए कहा कि उसकी मुस्कुराहट ने लोगों का दिल जीत लिया.
यह बच्चा स्लोवाकिया सीमा पर एक प्लास्टिक बैग, एक छोटे लाल बैग और अपने पासपोर्ट के साथ पहुंचा था. वहां वॉलेंटियर्स ने उसे खाने-पीने की चीज़ें दीं, वहीं बॉर्डर पर अधिकारियों ने स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में उसके रिश्तेदार से संपर्क किया. स्लोवाकिया की पुलिस द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में बच्चे की मां ने बेटे की मदद के लिए सबको शुक्रिया कहा है।
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उन्होंने इस वीडियो में बताया है कि रूसी हमले के बीच बच्चे को इतनी लंबी यात्रा क्यों करनी पड़ी हसन की मां जुलिया पिसेका ने इस वीडियो में कहा, ”मेरे शहर के पास एक पावर प्लांट है, जहां रूसी गोलाबारी कर रहे हैं. मैं अपनी मां को नहीं छोड़ सकती और वो कहीं जाने की हालत में नहीं है. इसलिए मैंने अपने बेटे को स्लोवाकिया भेज दिया.” जुलिया के पति की पहले ही मौत हो चुकी है