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Big News : “नफरत नहीं, सबको शिक्षा और सम्मान जनक रोजगार के नारे” के साथ

श्रीनगर गढ़वाल में संपन्न हुए आइसा के छठे उत्तराखंड राज्य सम्मेलन में नैनीताल जिले के लालकुआं के धीरज कुमार बने राज्य सचिव और रामनगर के सुमित कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष

लालकुआं से गौरव गुप्ता की रिपोर्ट। • श्रीनगर गढ़वाल में संपन्न हुए आइसा के छठे उत्तराखंड राज्य सम्मेलन में नैनीताल जिले के लालकुआं के धीरज कुमार बने राज्य सचिव और रामनगर के सुमित कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष • गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित उछोली बने प्रदेश अध्यक्ष • आइसा सबको शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए संघर्ष तेज करेगा : धीरज कुमार • 9-11 अगस्त को कोलकाता में होने जा रहे आइसा के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों के साथ पूरे प्रदेश में सघन सदस्यता अभियान चलाया जाएगा “नफरत नहीं, सबको शिक्षा और सम्मान जनक रोजगार के नारे” के साथ 1 जुलाई को श्रीनगर गढ़वाल में संपन्न हुए आइसा के छठे उत्तराखंड राज्य सम्मेलन नैनीताल जिले से लालकुआं के धीरज कुमार राज्य सचिव और रामनगर के सुमित कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष चुने गए जबकि गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित उछोली को सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। सह सचिव रोबिन सिंह असवाल और कोषाध्यक्ष सचिन रावत को चुना गया। आइसा राज्य परिषद में नैनीताल जिले से नेहा आर्य, हेमा जोशी, नीरज सिंह फर्त्याल, अमन रावत भी चुने गए। राज्य सम्मेलन में मुख्य वक्ता आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत कुमार रहे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि, शिक्षा, रोजगार और लोकतंत्र पर देश भर में केंद्र सरकार लगातार हमला कर रही है, इस सब के खिलाफ छात्रों के विपक्ष के रूप में देश भर में आइसा लड़ रही है। इस दौर में रोजगार देश का बड़ा सवाल है लेकिन सरकार सम्मानजनक रोजगार देने के बजाय सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर रोजगार को ही खत्म कर रही है। नई शिक्षा नीति ने लोगों को शिक्षा से एक हिस्से को वंचित करने का काम करने वाली है। को शिक्षा पहले सरकारी ग्रांट की मदद से चलती थी, अब नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा को अब लोन के भरोसे छोड़ने की तैयारी है। इस लोन लेने में विश्वविद्यालय छात्रों की फीस बढ़ रही है, जिससे गरीब और महिलाएं शिक्षा ले ही नहीं पाएंगे। नई शिक्षा नीति के कारण देश भर के विश्वविद्यालयों में दस से लेकर पचास गुना फीस वृद्धि हो गई है। देश भर में लोकतांत्रिक आंदोलनों को बदनाम कर आंदोलनकारियों को जेलों में भेजा जा रहा है। ये सरकार शिक्षा, रोजगार पर तो फेल हुई ही है लेकिन इसके साथ ही अग्निवीर योजना ला कर सेना और देश की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है, भाजपा देशभर में सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ा रही है, और डर का माहौल खड़ा कर रही है। पुरोला (उत्तराखंड) में हुई घटना इस का एक उदाहरण है। इस दौर में आइसा का होना छात्रों और युवाओं के साथ ही देश के लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक है। इस सांप्रदायिक नफरत के खिलाफ समाज की बेहतरी के लिए आइसा छात्रों के सवाल पर लड़ता रहेगा।’ आइसा के नवनिर्वाचित प्रदेश सचिव ने सम्मेलन से वापस लौटकर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, शिक्षा का पूरा मॉडल पूंजीवादी व्यवस्था में तब्दील हो गया है, जिसमें उसको खरीदने, बेचने का काम सरकार कर रही है। उत्तराखंड में रोजगार के लिए होने वाली परीक्षाओं को खरीदने, बेचने का काम करने में बीजेपी के लोग शामिल थे, लेकिन अभी तक किसी पर भी कार्यवाही नहीं हुई है। विधानसभा में वैकडोर भर्ती घोटाले में शामिल भाजपा – कांग्रेस के लोगों के खिलाफ भी अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। छात्रों और युवाओं के रोजगार की इस लूट पर कार्यवाही के बजाय उत्तराखंड सरकार लगातार लव और लैंड जिहाद पर गैरकानूनी बयान दे रहे है। सरकार के पास रोजगार के नाम पर केवल हिंसा और उन्माद का रोजगार है। लेकिन हमें ये याद रखना होगा कि जाति, धर्म में बंटा समाज कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है। असली लड़ाई अच्छी शिक्षा और रोजगार की लड़ाई है, जिसे आइसा लगातार लड़ रहा है। प्रदेश सम्मेलन संपन्न होने के बाद आइसा सबको शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए संघर्ष तेज करेगा। राज्य सम्मेलन में आइसा के प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी कर शिक्षा और रोजगार के सवालों पर अपने विचार व्यक्त किए। राज्य सम्मेलन में प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमे 19 सदस्यीय परिषद, 11 सदस्यीय कार्यकारिणी और 5 पदाधिकारियों को चुना गया। जिसमे पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित उछोली को प्रदेश अध्यक्ष नैनीताल से रामनगर के सुमित कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष व लालकुआं के धीरज कुमार को सर्वसम्मति से प्रदेश सचिव चुना गया। सह सचिव गढ़वाल विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष रॉबिन असवाल और कोषाध्यक्ष जोशीमठ के सचिन रावत को बनाया गया। आइसा राज्य सम्मेलन में 9-11 अगस्त को कोलकाता में होने जा रहे आइसा के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों के साथ पूरे प्रदेश में सघन सदस्यता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया।

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