Maithili Thakur: लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने महज 25 साल की उम्र में संगीत और राजनीति में अपनी अलग पहचान बना ली है। अपनी सुरीली आवाज और सादगी के लिए मशहूर मैथिली ने अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा है। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने अपनी राजनीति जर्नी की शुरुआत की है, और अब वे अपनी शिक्षा, संगीत यात्रा, और राजनीति के जरिए लाखों दिलों में जगह बना चुकी हैं।
कहाँ की रहने वाली है मैथिली ठाकुर?
मैथिली का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ। संगीत में उनकी रुचि बचपन से ही थी, और यह दिलचस्पी उनके परिवार से भी जुड़ी हुई थी क्योंकि उनका परिवार भी संगीत के क्षेत्र से जुड़ा हुआ था। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई के बाद, उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया। वहां उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई की और साथ-साथ संगीत पर भी ध्यान दिया।
कितनी संपत्ति की मालिक है मैथिली
मैथिली ठाकुर के पास करोड़ों की संपत्ति है, जिसमें उनकी नकद राशि 1.80 लाख रुपये, दो करोड़ से अधिक के वाहन और जेवरात शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने वर्ष 2022 में 47 लाख रुपये की भूमि भी खरीदी थी। वे बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना के उरेन गांव की निवासी हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की है।
सोशल मीडिया पर भी है करोड़ो फैंस
मैथिली को सोशल मीडिया से भी करोड़ो लोग फॉलो करते है, जिसमें यूट्यूब चैनल पर करोड़ों फॉलोअर्स हैं,वही उनके इंस्टाग्राम ओर लाखों लोग उनके फैंस है. फैंस उन्हें जूनियर बिहार कोकिला के नाम से पुकारते है. मैथिली सोशल मीडिया पर पेशेवर और निजी जिंदगी से जुड़ी अपडेट्स साझा करती रहती है.
बिहार सरकार द्वारा सम्मानित
संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए, बिहार सरकार ने उन्हें राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किया। इसके बाद, उन्हें संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार भी मिला, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इतनी कम उम्र में यह सम्मान उन्हें और उनके फैंस को प्रेरित करता है।
राजनीति में कदम
संगीत में सफलता पाने के बाद, मैथिली ने अब राजनीति में कदम रखा है। हाल ही में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की है और अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरीं हैं। मैथिली का कहना है कि वे राजनीति में लोगों की सेवा करने के लिए आई हैं और उनका मुख्य उद्देश्य समाज की भलाई करना है।
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