
Jaffar Express : क्वेट्टा-से-पेशावर मार्ग पर दौड़ने वाली पाकिस्तान की मशहूर पैसेंजर ट्रेन जाफ़र एक्सप्रेस पर घटी घटनाओं ने इसमें यात्रा को खतरनाक बना दिया है। यह ट्रेन विस्फोट, धावा और हाईजैक जैसे गंभीर सुरक्षा हादसों की चपेट में आयी है, जिससे यात्रियों में दहशत और पाक रेलवेज़ की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कई लोग मारे और घायल हुए
जानकारी के अनुसार मार्च 2025 को जाफ़र एक्सप्रेस को बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाके में हथियारबंद समूहों ने घेर लिया और यात्रियों को बंधक बनाने और रेल पटरियों पर विस्फोट जैसी घटनाएँ हुईं। इस हमले में कई लोग मारे और घायल हुए। अकेले 2025 में ही इस पर कम से कम सात बार बमबारी हुई, व इसे हाईजैक किया गया, ट्रेन पर कई बार गोलीबारी की घटना भी सामने आयी।
यात्रियों के घायल होने की खबरें
उसके बाद ट्रेन लगातार लक्ष्यों में रही — हाल के दिनों में भी सिन्ध के शिकारपुर के पास पटरी पर बिछाए गए विस्फोटकों के कारण कुछ बोगियाँ उखड़ीं और यात्रियों के घायल होने की खबरें आईं।
संवेदनशील इलाके से गुजरती है ट्रेन
जाफ़र एक्सप्रेस की मार्गरेखा और परिचालन जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन क्वेट्टा और पेशावर के बीच सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करती है और लंबी दूरी की होने के कारण संवेदनशील इलाके से गुजरती है — इसलिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त न रहे तो जोखिम बढ़ जाते हैं। रेल यात्रा के लिए यह एक अहम इंटर-सिटी लाइन है और इसका रूट कई बार विवादित व अस्थिर इलाकों से होकर गुजरता है।
सुरक्षा रणनीति पर नए कदम उठाने की सख्त जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान व आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती असुरक्षा, अलगाववादी गतिविधियाँ और अव्यवस्थित खुफिया कवरेज ऐसी घटनाओं के लिए माहौल बनाती हैं। जानकारों ने कहा है कि जाफ़र एक्सप्रेस पर बार-बार हमले न सिर्फ यात्रियों के लिए बल्कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की विश्वसनीयता के लिए भी बड़ी चुनौती हैं। इस ट्रेन को बार-बार निशाना बनाए जाने से सुरक्षा रणनीति पर नए कदम उठाने की सख्त जरूरत है।
ट्रेन में सफर करने को लेकर बोले यात्री
अब इस ट्रेन में सफर करने को लेकर यात्रियों का कहना है कि वे अब उस मार्ग पर यात्रा करने से कतराते हैं, तो कुछ ने बताया कि आर्थिक या पारिवारिक मजबूरियों की वजह से उन्हें फिर भी सफर करना पड़ता है।
सशक्त सुरक्षा नीतियाँ लागू करने की आवश्यकता
पाकिस्तानी रेल व सुरक्षा संस्थाओं ने घटनाओं के बाद कुछ स्टेशन-पिकेट और रूट्स पर अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की, यात्रियों की तलाशी और वाहनों की चेकिंग कड़ी की गई और प्रभावित इलाकों में गश्त बढ़ाई गई, पर विशेषज्ञों का कहना है कि दीर्घकालिक समाधान के लिए खुफिया साझेदारी, स्थानीय समुदायों के साथ संवाद और सशक्त सुरक्षा नीतियाँ लागू करनी होंगी।
ठोस योजनाओं की तेज़ आवश्यकता
जाफ़र एक्सप्रेस पर सफर आज केवल दूरी नापने की प्रक्रिया नहीं रह गया, बार-बार होने वाली हिंसा व सुरक्षा चूकें, इसे अस्थिरता की मिसाल बना देती हैं। यात्रियों के लिए सुरक्षित विकल्पों और प्रशासन के लिए ठोस योजनाओं की तेज़ आवश्यकता है, ताकि रेल-यात्रा फिर से भरोसेमंद बन सके। इस समय जो सच सबसे ज़्यादा मायने रखता है वह है—तथ्य, सतर्कता और त्वरित सुरक्षा सुधार।
सिमरन बिंजोला








