उत्तराखंड

Udham Singh Nagar : गुलरभोज-लालकुंआ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुआ हाथी

uttarakhand news :  गुलरभोज-लालकुंआ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुए हाथी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। हादसे के बाद से वह तड़प रहा है और जंगल विभाग के अधिकारियों के साथ मथुरा से आई विशेष पशु चिकित्सक टीम लगातार उसका उपचार कर रही है।

uttarakhand news :  गुलरभोज-लालकुंआ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुए हाथी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। हादसे के बाद से वह तड़प रहा है और जंगल विभाग के अधिकारियों के साथ मथुरा से आई विशेष पशु चिकित्सक टीम लगातार उसका उपचार कर रही है। जानकारी के अनुसार, बीते दिन देर रात रेल ट्रैक पार करते समय हाथी ट्रेन से टकरा गया था, जिससे उसके पैर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया, लेकिन हाथी की हालत में अभी तक कोई सुधार नहीं है। हाथी के उपचार के लिए वन विभाग ने मथुरा से विशेषज्ञ टीम बुलाई, जो सेडेशन और दवा के जरिए उसे राहत देने की कोशिश में जुटी है। टीम के अनुसार, चोटें गहरी हैं और उपचार में समय लग सकता है।

आवागमन वाले स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील

 

स्थानीय ग्रामीणों ने भी हाथी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। वहीं, वन विभाग ने रेलवे अधिकारियों से इस इलाके में ट्रेनों की गति सीमित रखने और वन्यजीवों के आवागमन वाले स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील की है। इस बीच रेलवे के अधिकारियों द्वारा इस पूरे हादसे का जिम्मेदार बेजुबान हाथी को ठहराया गया है। उनका कहना है कि हाथी अचानक से ट्रेन के सामने आ गया, जिसके चलते यह हादसा हो गया। इस पर अब पशु प्रेमियों द्वारा रेलवे से इसका जवाब देने को कहा गया है। पशु प्रेमियों का कहना है कि हाथी को देखते हुए ब्रेक क्यों नहीं मारा गया। तो इस पर भी रेलवे ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि लालकुआं तक वन क्षेत्रों में पटरी के दोनों ओर जगह-जगह चेतावनी और सावधानी के बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि लोको पायलट ट्रेन की गति को नियंत्रित रखें। इसी के लिहाजा गति को नियंत्रित ही किया गया था। इस पूरे मामले रेलवे किसी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है।

सिमरन बिंजोला

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