
World Post Day : हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस यानि World Post Day मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में डाक सेवाओं के महत्व, उनके योगदान और आधुनिक समय में उनकी भूमिका को याद करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि डाक विभाग केवल पत्रों का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास का भी अहम माध्यम है। विश्व डाक दिवस की शुरुआत 9 अक्टूबर 1874 को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन यानि UPU की स्थापना के साथ हुई थी।
कार्यरत कर्मचारियों को दिया जाता है विशेष सम्मान
भारत में डाक विभाग दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्कों में से एक है, जिसके पास 1.5 लाख से अधिक डाकघर हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। आधुनिक तकनीक के साथ कदम मिलाते हुए अब डाक विभाग ई-पोस्ट, इंडिया पोस्ट, पेमेंट्स बैंक, स्पीड पोस्ट और पार्सल सेवाओं के जरिए देश के हर कोने में अपनी पहुंच बनाए हुए है। विश्व डाक दिवस के अवसर पर डाक विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम, प्रदर्शनियां और ग्राहक सम्मान समारोह आयोजित किए जाते हैं। तो वहीं डाक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को भी इस दिन विशेष सम्मान दिया जाता है।
समय के साथ खुद को बदला
डाक सेवाओं ने समय के साथ खुद को बदला है। एक दौर हुआ करता था, जब लोगों को आपस में जोड़ने, सूचना आदान-प्रदान करने और दिलों से दिलों को जोड़ने का काम चिट्ठियां करती थीं। तो वहीं चिट्ठियों को लेकर घर-घर जाने वाले डाकिया की भूमिका अहम हुआ करती थी। लेकिन बीते कुछ सालों से तेजी से बढ़ते डिजिटलाइजेशन के इस दौर में डाकिया की भूमिका और लोगों को डाकिया की जरूरत घटती जा रही है।
कोसों दूर छूटी चिट्ठियां
क्योंकि, इस डिजिटलाइजेशन के दौर में चिट्टियां कोसों दूर छूट गई हैं। यही वजह है कि डाक विभाग अपने अस्तित्व को बचाने और लोगों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर लगातार नए- नए प्रयास कर रहा है। ताकि इस डिजिटलाइजेशन के दौर में भी डाक विभाग अपने आपको कायम रख सके।
बैंकिंग सुविधाओं का है अहम हिस्सा








